Friday, 15 March 2019

इश्क़ की हवा- वैलेंटाइन डे

प्यार इश्क और मोहब्बत में  बर्बाद है आदमी,
इस बार है जिसकी बारी जाने वो कौन है,,,
वैलेंटाइन डे मतलब एक दूसरे के प्रेम के इजहार का दिन। यह दिन संत वैलेंटाइन की याद में मनाया जाता है जिन्हे 14 फरवरी 299 को फांसी पर कैवल इसलिए चड़ा दिया गया था क्योकि उन्होने राजा के उस फरमान का विरोध  किया था जिसमें सैनिक विवाह नही कर सकते थे। उन्होने रोम के कई सैनिको की शादी करवाई।
वैसे तो प्यार करने वालों के लिए हर दिन खास होता है लेकिन भारत सहित विश्व के कई देशों में इस दिवस को प्रेमी युगलो द्वारा मनाया जाता है। अब हम बात करते है उन प्रेमियों की जिनकी कहानी वैसे तो हर किसी को पता है। इन सच्चे प्रेमियों  की प्रेमगाथा  इतिहास के पन्नों मे स्वर्णाक्षरो से लिखी गई। लैला और मजनूं की प्रेमगाथा, हीर और रांझा की प्रेमगाथा, सोहणी और महीवाल की प्रेमगाथा, सलीम और अनाकली की प्रेमगाथा। इन प्रेमगाथाओं के उपर बनी फिल्में भी अमर हो गई।
मंजनू लैला से इतनी मोहब्बत करता था कि आखिर में वो पागल-पागल सा हो गया। ये पागलपन ही सच्ची मोहब्बत की निशानी है। एक गाना याद  आ रहा है मैं लैला लैला चिल्लाउंगा कुर्ता फाड़ के ये कुर्ता फाड़ना ही पागल पन है। खैर मंजनू लैला के प्यार में पागल होकर भी इतिहास में अपनी प्रेम कहानी को अमर कर गया। दूनियां मे प्रेम को कभी स्वीकारा नहीं गया जबकि यह प्रेम ही इस दूनियां को बचा सकता है वरना बैर तो आज हर किसी के मन मे भरा हुआ है। इसी तरह हिर और रांझा की गाथा भी अथाह प्रेम के सागर में समा गई। हिर की जब अन्यत्र शादी जबरन करा दी गई तो रांझा भी जोगी हो गया। कहते है रांझा हिर से इसी दौरान मिला, दोनो भाग गए घर वालो ने आखिर उनके प्रेम को स्वीकार कर लिया लेकिन चाचा ने हिर को जहर दे दिया।
सोहणी महिवाल की प्रेमगाथा भी अथाह प्रेम की सागर में गोते-लगाते हुए दम तोड़ गई। इनके दु:खद अंत के बावजुद आज भी ये अमर हो गए। सोहणी एक कुम्हारन थी जिसके प्यार में  बुखारा, उजबेकिस्तान का धनी व्यापारी इज्जत बेग भारत जब व्यापार करने आया था तो सोहणी को देखकर उसका ही होकर रह गया। अपना देश छोड़ वो सोहणी के घर भेंस चराने लगा तभी उसका नाम महिवाल पड़ा। खेर इश्क के चर्चे आम होने के बाद सोहणी के पिता ने सोहणी की शादी किसी और से कर दी लेकिन फिर भी दोनो प्रेमी मिलते रहे और एक दिन कच्चे मटके की वजह से पक्का प्यार मोत के आगोश मे समा गया।
कहते है अगर प्यार सच्चा  है तो इस प्यार में अपने प्रियतम के लिए  कुछ भी कर गुजरने के लिए तैयार रहता है चाहें उसकी जान क्यों ना चली जाए। कुछ इसी तरह शीरीं और फरहाद की प्रेम कहानी में हुआ। प्यार तो प्यार होता है जो ना जाति देखता है, ना धर्म, ना अमीरी-गरीबी और ना ही उम्र। शाहजहां ने तो मुमताज के प्यार में एक अजूबा ही बना दिय।
शीरीं राजकुमारी थी और फरहाद एक शिल्पकार लेकिन उसके प्यार में शिरीं भी दिवानी सी हो गई राजकुमारी के पिता ने फरहाद के आगे शर्त रखी की वो पहाड़ो को काट कर नहर बना दे उसने अपने कार्य अंजाम पर ही था कि फरहाद को शिरीं की मौत की झूठी खबर दी गई। फरहाद ने वहीं खुद को भी मौत के हवाले कर दिया।
इंदीवर द्वार रचित यह गाना जो गजल संम्राट जगजीतसिंह ने गया,
न उम्र की सीमा हो, न जन्म का हो बंधन
जब प्यार करे कोई तो देखे अपना मन
नई रीत चलाकर तुम ये रीत अमर कर दो,
होंठों से छूलो तुम
मेरे गीत अमर कर दो।
हाँ बात तो सही है जब प्यार किसी से होता है तो
अच्छे-अच्छे को शायर बना देता है। कई शायरियां, गीत, ख्याल बनने लगते है। जब प्रियतम पास होता है तो हर पल खास हो जाता है। और जब दूिरयां होती है तो प्रियतम की याद में फिर मिलन की आस होती है। जब खुमार इश्क का छाता है तो हर आशिक फना होने के लिए तैयार होता है। प्यार तभी परवान चड़ता है जब दोनो तरफ से होता है। लेकिन आजकल एकतरफा प्यार करने वालों की भरमार है जिससे इस प्यार भरे अहसास का कोई मतलब नहीं रह जाता। माना की किसी को किसी से प्यार है और अगर प्यार है तो सच्चाई के साथ करे। प्यार अगर सच्चा होगा तो एक ना एक दिन जिसकी चाह है वो मिल ही जाएगा।
मेरा वैलेंटाईन तु ही है, साथ है, पास है, सामने है, क्योिक वो हर पल मेरे हर पल में है और यहीं बात खास है, क्योकि प्यार एक ऐसा अहसास है जो रूह तक को तरबतर रखता है।
प्यार  वो हसीन अहसास है जो कभी हसंता है कभी रूलाता है, तन्हाईयों में भी तन्हा ना होता, ख्वाबों को जो हकीकत में जीता है, प्यार के लिए जो कुछ भी करता है, ये वहीं इश्क है जो सबकों होता है, इश्क़ करें पर किसी का दिल ना तोड़े, प्यार का गुलाब महकने दे, वादा करे तो  निभाेये, विश्वास करे तो धोखा ना दे, क्योकिं मौत एक बार मारती है पर बेवफाई हर पल।
एक बात और प्यार का ये रिश्ता सिर्फ विश्वास पर टिका रहता है, वैसे तो हर रिश्ते की बुनीयाद विश्वास ही है, लेकिन यहां विश्वास का मतलब सिर्फ प्रियतम का होने से है, बाहों में कोई ख्यालों मे कोई ये तो गलत बात है ना। पर कुछ लोग है जो सिर्फ धोखा ही देते है, महिनों सालों तक प्रेम प्रसंग चलते है और फिर एक दिन िकसी और का होकर किसी को तन्हा कर जाते है। यहां बेवफाई इसी का कहते है। दे दीया ना धाेखा, तोड़ दिये ना वादे। एक तरफ कोई खुशियों में होता है और कोई गमों के संमंदर में गोते लगाता है वो मानता है नहीं कि उसका प्यार उसका नहीं रहा। जो भी हो जब कोई साथ छोड़ दे, वादे तोड़ दे तो अपनी जिंदगी की नई शुरूआत माने। तन्हा जीए या नया हमसफर बनाए ये स्वयं पर छोड़े। लेकिन यदि कोई जीवन के सफर को कोई मिल जाए सच्चा चाहने वाला केयर करने वाला तो इंकार ना करे।
कहते है प्यार में केवल केयर होती है, कोई एसा केयर करने वाला आ जाए तो अपना ले। क्योकि यदि किसी को आपकी फिक्र रहती है, कि आप किसी तकलिफ में तो नही है, आपकी खुशी के लिए अपनी खुशियां लूटाने वााला ही आपका सच्चा प्यार है। खुशनसीब होते है ऐसे लोग जीनकी
केयर करने वाला होता है। क्योकि वो आपकी सारी तकलिफे खुद ले लेता है। जब प्यार होता है तो
होगी कभी-कभी तकरार भी पर घोर अन्याय ना करते हुए मनाये तो मान जाना । बैवजह भाव ना खाते हुए खफा ही ना रहना। किसी को पा लेना इश्क नहीं किसी के दिल में जगह बनाते हुए उसका हो जाना प्यार है।
(एस.सी.के. सूर्योदय)

SCK Suryodaya 
Reporter & Social Activist
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