“अगर आप सही है तो ही अडिग रहे अन्यथा समर्पण करे,
क्योकि गलत होने पर अडिग रहने से नुकसान आपका ही होगा।” –एस.सी.के. सूर्योदय
क्षणिक सुख यदि अथाह दु:ख का कारण बने तो
ऐसे सुख की कल्पना भी नहीं करना चाहिए। एस.सी.के. सूर्योदय
“जो व्यक्ति आपके जीवन में खुशियों के कारक है उनके साथ दूरव्यहार
दु:ख का कारण भी बन सकता है।” –एस.सी.के. सूर्योदय
बिना लक्ष्य के कार्य करने वालों को कभी सफलता के शिखर की कल्पना नहीं करना चाहिए। -सूर्योदय
किसी भी रिश्तें की बुनियाद सच से होती है, झुठ हर रिश्तें को तोड़ देता है।–एस.सी.के. सूर्योदय





No comments:
Post a Comment