Sunday, 18 March 2018

बिखरे जो तुम्हारी जुल्फें तो

चाहत बढ़ने लगी है
प्यास भी गहरी है,
प्यार में हमे हद से
गुजर जाने दो।

बिखरे जो तुम्हारी जुल्फें तो,
आज इन्हें बिखर जाने दो।

रास्ते है जो अनजाने,
मन्जील भी जो दूर है,
दो पल ठहर आज खूद को,
हम में मिल जाने दो।

बिखरे जो तुम्हारी जुल्फें तो,
आज इन्हें बिखर जाने दो।

लहराते इस दुपट्टे को,
तन से बिछुड़ जाने दो,
इन नयनों से काजल,
मस्ती में बिखर जाने दो।

बिखरे जो तुम्हारी जुल्फें तो,
आज इन्हें बिखर जाने दो ।

दिल की चाहत,
आज होंठों से मिट जाने दो,
इन्तजार के बांध टूट जाने दो,
मन से मन, तन से तन मिल जाने दो।


बिखरे जो तुम्हारी जुल्फें तो,
आज इन्हें बिखर जाने दो ।

बाहों में मेरी आओं,
इस वक्त को हसीन बन जाने दो,
कांधे पर सर रख हमारे,
हर मंजिल गूजर जाने दो।

बिखरे जो तुम्हारी जुल्फें तो,
आज इन्हें बिखर जाने दो।

मंजिल गर पहले तुम्हारी आये तो,
आज उसे गूजर जाने दो,
सांसो की खूशबू को फिर,
दिल तक पंहुचने दो।

बिखरे जो तुम्हारी जुल्फें तो,
आज इन्हें बिखर जाने दो ।

अपनी खामोशी को सनम तोड़ो,
पलको पर यूं निन्दीयां ना मण्डराने दो,
चाहत कहने लगी आज प्यार को
प्यार मे मिट जाने दो।

बिखरे जो तुम्हारी जुल्फें तो,
आज इन्हें बिखर जाने दो ।

आंखो के इशारे,
आज शब्द बन जाने दो।
इजहारे इश्क कर,
मेरी मोहब्बत को अपना नाम दो।    

   
बिखरे जो तुम्हारी जुल्फें तो,
आज इन्हें बिखर जाने दो ।


SCK Suryodaya
Reporter & Social Activist
sck.suryodaya@gmail.com
Cell: 7771848222

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