Friday, 12 January 2018

आज मन मेरा, क्यूं उदास है,,,

आज मन मेरा, क्यूं उदास है।
इक खयाल तेरा,क्यूं मेरे पास है।
कहने को तो, सब मेरा,
पर क्यूं,, तेरा ऐतराज है।

हाथों मे था, हाथ तेरा,
फिर क्यूं छूटा, साथ तेरा,
हकीकत नहीं था वो सपना,
पलके खूली, सब हवा,

मेरा होकर भी,
क्यंू नहीं, लगता मेरा,
हां क्यूं नहीं मेरा,
ये विर क्यों हुआ सिर्फ तेरा।

दिल ने चाही, तेरी चाहत,
फिर सुना इन्कार तेरा,
पागल दिल मेरा, कुछ माने ना,,
तेरे सिवा कुछ चाहे ना।

पल-पल रोया,
एक पल ना सोया,
रो-रो कर एक बूंद ना खोया,
मेने माना, तुझे खूदा अपना,

दूआ भी की,
हजारों मन्नत मांगी,
फिर क्यूं ना तु मिली,
मुझे मिला बस गम का अंधेरा।

सर्द हवा है, बुझती शमा है,
जख्म भी अब,
सड़ने लगा है,
मोहब्बत अपनी क्यूं जूदा है,

भूल मेरी, म्वाफ कर दो,
कुछ कदम और साथ चलों,
मुझ पर यंकि तो करों,
रूह को जिस्म से, ना जूदा करों।

ये शमां, तु ना बुझा,
लोटकर तु, जल्दी आ,
आज मन मेरा, फिर कह रहा,
मेरी तमन्ना, मेरी तमन्ना।

आज मन मेरा, क्यूं उदास है,
एक खयाल तेरा,क्यूं मेरे पास है।  

SCK Suryodaya
Reporter & Social Activist
sck.suryodaya@gmail.com
facebook                   

No comments:

Post a Comment

मीठी सी खुशी

एक सुहानी शाम सबसे अंजान, अधीर मन में सिर्फ़ तेरा इंतज़ार। तेरे लब की मीठी सी खुशी देना, आकार मेरे पास फिर ना जाना। बिखरकर ब...