वाकई बड़ी हसीं है इश्क़-ए-दुनियां,
हर किसी के नसीब में हो मुश्किल है,,,
हथेली पर नाम उकेरा था उसका,
पर अब दिल से मिटना मुश्किल है,,,
सब जायज़ था जब तक इश्क़ रहा,
याद जब तक पाक रहना मुश्किल है,,,
हर लम्हे को उसने जख्म कर दिया,
बे-इन्तेहा दर्द से बचना मुश्किल है,,,
ख्याल ना था आयना भी देगा धोखा,
कौन अपना पहचान पाना मुश्किल है,,,
रश्म-ए-इश्क़ किसी से निभाना कैसा,
किसी एक का बने रहना मुश्किल है,,,
उससे इश्क़ कर गुनेहगार मैं ही बना,
अब सज़ा-ए-मौत से बचना मुश्किल है,,,
जां नशी को हर नज़र से परखा था,
अब यकिं किसी पर होना मुश्किल है,,,
इंतज़ार तो हर लम्हा करता उसका,
अब तन्हा रातों का गुजरना मुश्किल है,,,
कब तक ईत्र मलोगे जनाज़ा ले उठा,
बदन से उसका असर मिटना मुश्किल है,,,
अब तो जनाज़े नमाज़ भी हुई अदा,
सुपुर्दे खाक करो उसका आना मुश्किल है,,,
SCK Suryodaya
हर किसी के नसीब में हो मुश्किल है,,,
हथेली पर नाम उकेरा था उसका,
पर अब दिल से मिटना मुश्किल है,,,
सब जायज़ था जब तक इश्क़ रहा,
याद जब तक पाक रहना मुश्किल है,,,
हर लम्हे को उसने जख्म कर दिया,
बे-इन्तेहा दर्द से बचना मुश्किल है,,,
ख्याल ना था आयना भी देगा धोखा,
कौन अपना पहचान पाना मुश्किल है,,,
रश्म-ए-इश्क़ किसी से निभाना कैसा,
किसी एक का बने रहना मुश्किल है,,,
उससे इश्क़ कर गुनेहगार मैं ही बना,
अब सज़ा-ए-मौत से बचना मुश्किल है,,,
जां नशी को हर नज़र से परखा था,
अब यकिं किसी पर होना मुश्किल है,,,
इंतज़ार तो हर लम्हा करता उसका,
अब तन्हा रातों का गुजरना मुश्किल है,,,
कब तक ईत्र मलोगे जनाज़ा ले उठा,
बदन से उसका असर मिटना मुश्किल है,,,
अब तो जनाज़े नमाज़ भी हुई अदा,
सुपुर्दे खाक करो उसका आना मुश्किल है,,,
SCK Suryodaya
Reporter & Social Activist
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