Friday, 29 December 2017

फिर तन्हा हॅू

तन्हा रातों को करता विदा हूं,
होते उजाला फ़िर तन्हा हूं,,,

तेरे बिना है ये जीवन अधूरा,
तु जो मिले तो हो जाये पूरा,,,

मुझको मिली ये केसी सज़ायें,
मुझे माफ कर दे जो भी खता है,,,

हर लम्हा इंतजार करता हॅू मैं,
जुदाई से ऐ खुदा दे दे रिहाई,,,

बरसता सावन मुझको रुलाये,
वो हसीं नज़ारे जो याद आये,,,

तेरे इश्क़ में, मै जबसे रमा हूं,
तेरे खयालों से ही ज़िन्दा हॅू,,,

तन्हा रातों को करता विदा हूं,
होते उजाला मैं फ़िर तन्हा हूं,,,

                     

SCK Suryodaya
Reporter & Social Activist
sck.suryodaya@gmail.com
Cell: 7771848222
www.angelpari.com
RV Suryodaya Production

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