Monday, 18 December 2017

भैद जिया के मैं जो खोलूं,,,

भैद जिया के मैं जो खोलू,
प्रित पिया की बैरी लागे,,,

जितना जगाया उतना जागे,
नैना मोरे सब कुछ कहते,,,

दर्द सितम की बात नहीं है,
पर पिया मोरा पिया ना लागे,,,

हाल बुरा है सब ये जाने,
फरेबी पिया को ये अच्छा लागे,,,

कैसा है ये मोरा पिया जो,
झूठी मोहब्ब्त को सच्चा माने,,,

लाख सितम वो मुझपे कर ले,
प्यार किया वीर सबकुछ सहले,,

अहसान उसका ये मुझपे तो है,
झूठा ही सही प्यार किया है,,,

प्यार के उस अहसास में जी लूं,
ये जिन्दगी उसके नाम कर दूं,,,

गम सारे उसके जी लूं,
घुंट फरेब का फिर पी लूं,,,

भैद जिया के मैं जो खोलू,
प्रित पिया की बैरी लागे,,,

SCK Suryodaya
Reporter & Social Activist
sck.suryodaya@gmail.com
Cell: 7771848222
www.angelpari.com
RV Suryodaya Production

3 comments:

  1. खूबसूरत सृजन किया गया है आपके द्वारा ।।

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    1. धन्यवाद शजर साहब,,,

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  2. This comment has been removed by a blog administrator.

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