Thursday, 21 December 2017

जरूरी तो नहीं,,,

हर खुवाब पुरे हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर चाहत पुरी हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर मन्नत कुबुल हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर राज़ बेपर्दा हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर दिवाना पागल हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर राह की मंजील हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर दूआ में असर हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर कसम सच्ची हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर वादे निभाने हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर याद याद हो, जरूरी तो नहीं,,,,,,

हर गुनाह म्वाफ़ हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर इश्क़ में जिस्म हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर महबुब वफादार हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर मोहब्बत पुरी हो, जरूरी तो नहीं,,,

हर बात पर यकिन हो, जरूरी तो नहीं,,,

वीर-एे-इश्क़, जरूरी तो नहीं,,,,,,,,,,,,,,,

SCK Suryodaya
Reporter & Social Activist
sck.suryodaya@gmail.com
Cell: 7771848222
www.angelpari.com
RV Suryodaya Production

2 comments:

  1. बहुत शानदार रचना । बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ आपको भाई

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