मेरे पास तुम , आसपास तुम,,,
जज्बा त तुम, हर अहसास तुम,,,
दि ल की धड़कन, हर सांस तुम,,,
टुटे ना जो कभी, वो ख्वाब तुम,,,
यादों की याद , हर बात में तुम,,,
तुमसा हूं मैं, मुझसे हो जान तुम,,,
तुम ही तुम , सिर्फ तुम ही तुम,,,
ढलती शामें, हर इक रात में तुम,,,
हर इक नजर, हर नजारों में तुम,,,
गीत की धुन, संगीत का सुर तुम,,,
हर गजल, हर नज्म में सिर्फ तुम,,,
SCK Suryodaya
Reporter & Social Activist
बहुत बढ़िया सृजन किया गया है आपके द्वारा ।। छंदमुक्त के स्थान पर यही रचना छंदबद्ध होती तो निश्चित ही इसका आनंद और बढ़ जाता ।। बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ आपको भाई
ReplyDeleteThanks,,,,
Deleteबिलकुल सही पकड़े है सर जी
ReplyDeleteHa ji,,,,
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