Thursday, 8 February 2018

मैं रहूं तेरे दिल में यूंहीं,,,

मैं रहूं तेरे दिल में  यूंहीं,,,
तु रहे मुझमें बाकी कहीं,,,

उम्र यूंही कट जायें,,,
ना तु तन्हा रहे ना मैं तुझे भूलूँ कभी,,,

पायन की छन-छन हो,,
या हो तेरी आवाज का लब्ज़  कहीं,,,

तेरी बंहों की डैर हो,,,
छूट ना पाये ऐसा बांधो कभी,,,

मेरा खुदा तो तु ही है,,
करूं इबादत, करूं सज़दा कभी,,,

हर चाहत पे तेरी,,,
अपनी हर चाहत कर्बान करूं,,,

जब तु याद करे,
तेरा हर खयाल मैं बन जाऊँ,,,

तु रहे मुझमें शामील कहीं,,
अहसास हर पल महसुस हो कही,

दिल की दूनिया से जान,,
दूर ना जाना कहीं,,,

रित प्रित की,
निभाकर कह देना जान है तु मेरी,,

कर दे वक्त हमें जूदा कभी,,,
आ जाना मिलने बैवजह कहीं,,,

मैं रहूं तेरे दिल में  यूंहीं,,,
तु रहे मुझमें बाकी कहीं,,,

SCK Suryodaya
Reporter & Social Activist
sck.suryodaya@gmail.com

No comments:

Post a Comment

मीठी सी खुशी

एक सुहानी शाम सबसे अंजान, अधीर मन में सिर्फ़ तेरा इंतज़ार। तेरे लब की मीठी सी खुशी देना, आकार मेरे पास फिर ना जाना। बिखरकर ब...