Friday, 16 February 2018

सब कुछ बदला-बदला सा है

जिसे देखकर कभी चेन मिलता था,,,
जिसके आने से माहोल बदलता था,,,
जिसके इन्तजार में पल-पल बिता था
जिसके इश्क में सबकों भुला था,,
जिसके साथ ताउम्र जिना था,
जिसके बारे में हर पल सोचा था,,
जिसके सिवा कोई दुजा ना था,,
जिसके प्यार में ये वीर फना था,,
जिसके साथ कुछ कदम चलना था
लेकिन अब जिसका अन्दाज ना बदला था,,
आज यहां सब कुछ बदला-बदला सा है,,
अब, ना इन्तजार है उसके आने का,,
ना देखने की चाहत, और ना ही
ता-उम्र साथ जिने की तमन्ना।

SCK Suryodaya
Reporter & Social Activist
sck.suryodaya@gmail.com

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